यह घटना वर्तमान अंतरराष्ट्रीय राजनीति का एक ज्वलंत उदाहरण है, जहां इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष और अमेरिका की विदेश नीति के प्रभाव पर तीखी बहस हो रही है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन अपने विदाई प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस विवाद के केंद्र में थे।
प्रसंग:
2023 के 7 अक्टूबर को, हमास ने इज़राइल पर हमला किया, जिसके बाद इज़राइल ने गाजा पर बड़े पैमाने पर हमला किया। इस संघर्ष में हजारों लोग मारे गए, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इज़राइल की कार्रवाई को मानवता के खिलाफ अपराध के रूप में देखा। इज़राइल को सैन्य सहायता और कूटनीतिक समर्थन देने के कारण अमेरिका की भूमिका की भी आलोचना हो रही है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस की घटना:
- वॉशिंगटन में विदेश विभाग में आयोजित इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों ने ब्लिंकन से तीखे सवाल पूछे।
- पत्रकार सैम हुसैनी ने ब्लिंकन को “अपराधी” कहा और अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय का संदर्भ दिया।
- ग्रेज़ोन मीडिया के संपादक मैक्स ब्लूमेन्थल ने अमेरिका द्वारा इज़राइल को बम उपलब्ध कराने की आलोचना की।
- इन दोनों पत्रकारों को सुरक्षा कर्मियों ने कमरे से जबरदस्ती बाहर निकाल दिया।
ब्लिंकन की प्रतिक्रिया:
ब्लिंकन ने अपने बयान में गाजा युद्ध के संबंध में अमेरिका की कूटनीतिक गतिविधियों का बचाव किया। हालांकि, सवाल-जवाब सत्र के दौरान, पत्रकारों के तीखे सवालों के कारण उन्हें कई बार असहज स्थिति का सामना करना पड़ा।
प्रतिक्रिया और आलोचना:
- मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों में अमेरिका की विदेश नीति और इज़राइल को समर्थन देने के फैसले की तीव्र आलोचना हो रही है।
- पत्रकारों के आक्रामक सवालों और सुरक्षा कर्मियों के हस्तक्षेप ने अमेरिका में लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
संघर्ष का दीर्घकालिक प्रभाव:
इज़राइल-गाजा संघर्ष और इसमें अमेरिका की भूमिका केवल मध्य पूर्व में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में राजनीतिक अस्थिरता का कारण बन रही है। इसने मानवाधिकार, अंतरराष्ट्रीय कानून और कूटनीतिक नीतियों के प्रभाव पर नई चर्चाओं को जन्म दिया है।
यह घटना अंतरराष्ट्रीय राजनीति और पत्रकारिता की साहसिकता का एक मजबूत उदाहरण है।